ग्लोबल वार्मिंग पर्यावरण संरक्षण एवं जल संरक्षण अभियान

ग्लोबल वार्मिंग से देश को बचाने के लिए हमारी सस्था द्वारा पर्यावरण बचाओ अभियान चलाया जा रहा है, जिसके माध्यम से हम सम्पूर्ण भारत में प्रत्येक गांव में 10-10 पौधे गरगद के लगाए जाएंगे, जिनके पालन पोषण की जिम्मेदार ( मिशन, आओ दुनियां सुन्दर बनाए ) के पदाधिकारियों की होंगी, बरगद के पौधे की प्लांटेशन हमारी सस्था स्वयं करेंगी, बरगद का वृक्ष सबसे ज्यादा छाव देता है, और 24 घंटे ऑक्सीजन छोड़ता है, इससे गांव व आस पास का वातावरण शुद्ध होगा, व गांव के लोगो को गर्मियों के समय बैठक व आराम के लिए उचित स्थान भी बनेगा, जिससे लोगो में भाईचारा भी बढेगा,

 

पर्यावरण संरक्षण, जिसे पर्यावरण सुरक्षा भी कहा जाता है, प्राकृतिक संसाधनों, जैसे कि वन्यजीव, जल, और मिट्टी की रक्षा करने और प्रदूषण को रोकने के लिए आवश्यक है। यह सुनिश्चित करता है कि वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए ये संसाधन उपलब्ध रहें।

पर्यावरण संरक्षण क्यों महत्वपूर्ण है, इसके कुछ कारण इस प्रकार हैं:

 

स्वस्थ जीवन:

पर्यावरण, हवा, पानी और भोजन प्रदान करके हमारे जीवन को बनाए रखता है।

 

जैव विविधता:

पर्यावरण संरक्षण, पौधों और जानवरों की विभिन्न प्रजातियों को जीवित रहने में मदद करता है, जो हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।

 

*संसाधनों का संरक्षण:*

पर्यावरण संरक्षण, प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक उपयोग और बर्बादी को कम करता है, जिससे वे भविष्य के लिए उपलब्ध रहते हैं।

 

*जलवायु परिवर्तन:*

पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन के हानिकारक प्रभावों को कम करने में मदद करता है, जैसे कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना और ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देना।

 

*आर्थिक लाभ:*

स्वच्छ पर्यावरण, पर्यटन और कृषि जैसे क्षेत्रों के लिए अधिक अवसर पैदा करता है, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है।

 

*मानसिक स्वास्थ्य:*

प्रकृति के साथ जुड़ाव, मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।

पर्यावरण संरक्षण के लिए, हमें व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से प्रयास करने की आवश्यकता है। इसमें शामिल है:

 

*अपशिष्ट कम करना:*

पुनर्नवीनीकरण और पुनः उपयोग करके।

 

*ऊर्जा संरक्षण:*

ऊर्जा-कुशल उपकरणों का उपयोग करके और ऊर्जा की बर्बादी को कम करके।

*पानी का संरक्षण:*

पानी के उपयोग को कम करके और इसे प्रदूषित होने से बचाकर।

 

*प्रदूषण को कम करना:*

हानिकारक रसायनों और कचरे को पर्यावरण में छोड़ने से बचना।

 

*पेड़ लगाना:*

अधिक पेड़ लगाकर और वनों की कटाई को रोककर।

पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों का उपयोग करना:

प्लास्टिक के उपयोग को कम करना और पुनः प्रयोज्य वस्तुओं का उपयोग करना। 

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